Sunday, 10 May 2020

सूर्य अथर्वशीर्ष और माँ

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कर्दम = क: + द (half) + अम

देव : + उत + इ = देवहूति (स्त्री)

पुत्रक कपिल = क + प + इल (इ+ल) ...

...महद एव सत तत्व में से...(देवीभागवत रूपसे) किसी एक पुरुष, जिसको पिंड में चिह्नित किया है, वैसे देव की "द"मनसे ऊपर चढ़ती इच्छा से एक पंचमहाभूत शरीर वाला पुत्र का होना, जीसमेंभी प्रजनन इच्छा के गुण का प्रावधान होना।

रावण मतलब बच्चों की टेलीफोन की रमत का माहीर। दस सिर होने के बावजूद हर सिर एक ही बात बोलेगा।

राम मतलब टेलीफोन की रमत में वायरस के साथ बनने वाला नया चेम्पियन। जिसका भाई शत्रुघ्न लवण असुर का हनन करता है।

लवण यानी नमक या शारीरिक 12 प्रकारके कचरे के प्रकार।

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My question is "Where is Original One?"

सूर्य शब्द का रिवर्स होता है।

"यरुस" कही कही "ज" को "य" कहते है।

हिंदी में सूर्य को सूरज भी कहते है।

यरुसलम नामक प्रान्त है।

जिसे जेरुसलम भी कहते है। साम विद्या में "अरुण भी सूर्य" के नामका प्रावधान है।

"अरुण" जिसका मतलब रुका हुआ या असमयी सूर्य है।

मेरी माँ।

किसीकी भी माँ जो पढ़ीलिखी हो या न हो, वह कैसी भी हो, पर बच्चे को शायद ही असमय में रखेगी।

अथर्वशीर्ष मतलब स्थित, अच्युत, अचल रहे हुए सजीव, जब तक जीवित था तब तक का, सत तत्व का पूरा ज्ञान।

महाभारत का बर्बरीक उसका सामान्य उदाहरण है। जिसे लोग गुजरातमें बलिया देव कहते है।

वैश्विक मातृदिन स्मरण।

जय गुरुदेव दत्तात्रेय

जय हिंद

जिगर महेता / जैगीष्य

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