Saturday, 23 February 2019

पावन पावडी

उष्मीय अवाहक।
पर खुद सजीव चित्रण उष्मीय वाहक।
ऋषि ने सराहा।
शादी के समय पापा ने पहना।
जब माँ ही रहगई, तो पापा की शादी मुझे याद आयी?
नई गाड़ी काली,
बेच दी, नयी सफेद खरीदी।
पापा चले जाने के बाद सफर में माँ ने जहाज के चित्र के साथ तसवीर दिखाई।
समुद्री सफर आसमानी और पानी की ऊर्जा समेत,
ध्रुव को खदेड़ता ज़मीन का GPS सिस्टम बदलने लगा।
क्या उल्टा क्या पुल्टा जब google वॉइस टाइपिंग आया।
चहेरा भी तो बदला कुदरत ने, स्मार्ट सोच के साथ।
क्या दशरथ, क्या रावण,
परशुराम, राम से बलराम लेकिन गौ रंग अनजाना सा।
श्वेताश्वतर, जब पुत्री, पौत्री और दोहीत्रि बाप को अलग लगी।
कल आज और कल में आज का पलड़ा किसने हल्का किया।
बाते वजनदार पर औकात कहीपर महफूज़।
बात और वजन के साथ साथ बुद्धि भी
पुरानी नयी पुत्रवधु बेटे को हतप्रभ कर गई।
अकेला नहीं मैं, कुदरत के बंदों ने भार्गव को पहचाना।
बच्चे पैदा करने वाले एक परम् पिता को बदला।
खयाल आया जब मेरी बेटी के नाक कान आंख अलग देख बोलने पर एक ही सवाल आया।
जिगर, तेरी शादी भी कभी हुई है?
हुई तो किससे, मैडम, योगिनी, रॉयल परिवार की पुत्री वैभवी से या खुदकी पुत्री की माँ से?
अचानक ही पवन पावडी याद आयी।
जो उष्मीय वाहक वान को अवाहक बना सकती है।
शर्त इतनी की कुछ भी हो पर पावडी CAST की ही होनी चाहिए।

Special notes
Pavdee made from wooden
Which Sanskrut word is cast
And in the world so many regional cast available...

Jigar Mehta/ Jaigishya

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