...दक्ष की दक्षिणा का दाक्षिण्य दक्षिणायन से शायद होजाये। भद्र-भद्रा का शिव-शिवा से साथ के कार्यका अर्क कोन समजाये?
भद्रक तभी आये जब आगन्तुक को यग्न याग का प्रमाण भान हो। यग्नफल की कामना से भद्रा का मन तरंगित न रहे।
माँ के सामने गुस्सा क्या है?
यह समझ आये तो भद्र-भद्रा भी बालक लगे।
जहां तक अस्तित्व की बात है, परस्पर देवो भवः की बात सच तभी लगे कि सुशाशन से शांति हो और नये हकारात्मक विचारोन्नति छात्र देवो भवः से सुद्रढ़ बनके बहती रहे।
Matter is important for those Who are knowing everything & nothing,
Other relevant & related are common, unless you find special from whatever given by the knowledgeable person & if your matter is unknown from the knowledgeable man
It's Automatically upgrade your education status...
No comments:
Post a Comment