Tuesday 17 November 2020

श्वास उच्छ श्वास

मेरा श्वसन कहां पर है।
पूर्ण विराम ही सोचा प्रश्नार्थ नही, 
पूर्ण विराम क्या हो सकता है?
एक एक श्वसन क्रिया की आवर्तन किसीभी योगिक क्रिया से परे है।
शरीर की सप्त कुंडलिनी को पहचाने या संस्कृत के एक ही शब्द के सप्तमी विभक्ति रूप को वह भी सोचनीय है।

एक गुजराती आलेख का आमुख का शीर्षक था,
"उछिना श्वास"
उन्हें कोन समजाए राधा का पिता भी वृषभान था।
कृष्ण का "अ" ध्राण बनने से पहले वह एक बेटी भी है।
कृष्ण को बचाने वाली नन्द की बेटी भी तो पराम्बा रही।
कहां गयी? आसमान में कंस से? 
जवाब है लिखा हुआ, "हाँ"।
ज़हरीले पान, तम्बाकू, मसाले, निकोटिनेमाइड चाय वाला या तो कॉफी का केफीन उस वक्त नही था।
फिरभी मौत तो त्यजि नही जाती थी।
जहां पर शस्त्रो वाली लड़ाई है उसको छोड़ कर विश्व मे हर 10 स्क्वेर मीटर पर कुछ न कुछ हिसाब से मौत है।
मेरी बात तो सिर्फ प्राण वायु पर सीमित है। 
उदान, समान, अपान औरभी कुल 10 किस्म के वायु मण्डल में है।
मेरी O२ एवम CO2 की जानकारी कम है, लेकिन आजही अचरज वाला आश्चर्य हुआ।
वही मेरे लिए रयिणाम हुआ।
विक्रम संवत २०७७ का पहला ब्लेंक डे मतलब खाली दिन, मतलब धोखा दिन बहुत कुछ कह गया।
लेकिन फिरभी में अपने स्वच्छ श्वसन की तलाश कर रहा हुं।

खास नोंध :=● वायु के 10 नाम●

प्राण 
अपान 
समान
उदान
व्यान
नाग
कूर्म
कृकल
देवदत्त
धनंजय

My wife's words for me.. Useless Facts I have... 

जय गुरुदेव दत्तात्रेय

जय हिंद

जिगर महेता / जैगीष्य

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