Wednesday, 19 February 2020

भारतिय गण राज्ये वाणिज्य चिंतन

द्विजायामित सुनयनी चश्मा चित्रण च मुद्रण एकलव्य चित्तेषु ध्यान न प्राप्यति। मात्र दृष्टि भ्रम क्रियाये निष्पन्नित त्वक च आभा, सुराष्ट्रस्य च समृद्धिम वृद्धि ददाति????? भारतम गण राष्ट्र प्रथम पंचम स्थाने सुशोभित वैश्विक कक्ष्याम वाणिज्य क्षेत्रे तथापि मुद्रा स्फीति नास्ति प्राप्यामी उच्च क्षेत्रे, तट विकट परिस्थितिये नि:संदेह विचार क्रिया निर्माण क्रयाये मामका मन:, मगज:, मस्तिष्क:। संभवत, निश्चित राष्ट्रस्य अंगत कम्पनी कार्यालय दृष्टि च मनोविचार च विकार, भ्रमजाल क्रियते।
जय गुरुदेव दत्तात्रेय
जय हिंद
जिगरम / जैगीष्य

No comments:

Post a Comment