ॐ कार बिंदु संयुक्तम
आज तक सब अ। उ। म। ॐ कार को जिस रूप से सोचा, पर मुझे शायद दूसरा विकल्प सोचनीय लगता है।
स्त्री के गर्भ के योनि द्वार स्थान से अंदर के विभागमें मतलब "3", वीर्य के एक कोष का अँड कोष से अलग भाव से मतलब स्वतंत्र रुप से रहकर अग्नि पुराण एकाक्षरी कोष "ण" का प्रमुख प्रमाण देना या तो कीसी गुप्त बात को संकेत से कहने की चेष्टा परम् उच्च स्तरीय चिह्न के रूप से जताना। वेदों में उल्लेख है की ऋषि अपने ही वीर्यक कोष का सेवन करने से अमरत्व तरफ कूच करते है।
रजस्वला स्त्री का रज मतलब कोष वीर्यक कोष से अलग करना मतलब मनुष्य की पूर्ण वय से उर्ध्व मतलब रिवर्स mode मे माता के गर्भ में जाना यानी गीता के 15 पाठ के प्रथम श्लोक का प्राथमिक चरण प्रतिपादित करना।
..मागृध्...तेन त्यक्तेन भुंजीथा.....
"अ", "उ", "म" वाले ओम शब्द के आकार या शब्दाक्षरार्थ को स्त्री के गर्भगृह से लेकर पूर्ण रुप से चिह्न के रूप से या तो जिसे अतिक्रमण कहते है ( predator or किसी का वर्तमान समय से आगे होना और बताना) या तो किसी का मृत्यु समय तय होने के बाद उसकी उर्ध्व योगिक क्रियामें मनुष्य देह का वापस स्त्री के गर्भ में पिता के वीर्य के एक कोष तक पहुंचाने वाला आयाम जिसे नया जन्म या तो परम् पिता एक होने का प्रभूत्व जताना।
यह जो कर सकता है उसे परम् पिता कहा जाता रहा है। लेकिन जबजब कुछ नैसर्गिक प्रकल्प विकल्प आते है तो परम पिता बदलाया है उसकी जानकारी प्राप्त करने हेतुक .................... बहोत लिखा जा सकता है पर ......... ;थोड़ा.......अल्प विराम........;
भाषा कठिन है पर समज सरल है।
Jigar Mehta / Jaigishya
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