"कृष्ण"
'क्र' मतलब क्रमानुसार।
"उष्ण" मतलब गर्म।
"कृ" धातु तत्व जिसका खुदका चुमबकीय गुणधर्म होता है।
"ष"तलब कभी खत्म न होने वाला।
"ण" यानी निश्चयी रूप या हमारा खुदका पंच महाभूत तत्व पृथ्वी, अग्नि, वायु, पानी, चैतन्य आकाश में से किसी एक का व्याप्त रूपसे होना।
जन्माष्टमी शुभकामनाएं।
Warm Bodies saving world by good thoughts.
Black one is my friend.
We are eating mostly colourful things.
कृष्ण वयम मह।
जय गुरुदेव दत्तात्रेय।
जय हिंद...
जय गुरुदेव दत्तात्रेय
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