Chanting AUM ऊँ
विविध प्रकार है जो सहूलियत से बोले जा सकते है।
There are various types that can be spoken easily
शुरुआती अक्षर खिंचके बोलना है तो वह कुछ इस तरह से होगा…..
If you want to speak the initial letter, it will be something like this…
ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ..म। यहां “उ” कार छिपा हुआ है।
Oooooooooooom. Here “u” is hidden.
यह सिर्फ शरीर की अंदरकी भरी हुई हवा से बोलते है, जो आपके आसपास के किसीभी नकारात्मक उर्जाको खारिज कर सकता है। वह ओ मूलभूत स्वरूपसे ओम में “अ” कार की मात्रा है, और अगर आप किसी भी सत तत्व से जुड़े हुए है तो आपको आवाज से आती वेव से पता चलेगा।
It speaks only from the air filled inside the body, which can reject any negative energy around you. That O is the quantity of "A" car in Om by the basic form, and if you are connected to any truth element then you will know from the wave coming from the voice.
यहां मुहैया करे कि अपना मुंह ज्यादा खुला है।
Provide here that your mouth is more open.
दूसरा “उ” कार को बढ़ाने वाली यात्रा में मात्रा देखें
See the volume in the second "U" car boosting trip
अ… ऊऊऊऊऊऊऊऊऊ….म।
Oouuuuuuuuuuuuuuuuuuum.
यहां मुहैया करे कि मुह थोड़ा ही खुला है, जिससे जो “ओ” की मात्रा थी, और आप आवाज खीचते थे, उससे ज्यादा खिंचाव आवाज का होना ही चाहिए। क्योंकि हवा कम बाहर आएगी तो आवाज की आवृत्ति frequency बढ़ेगी ही बढ़ेगी।
Provide here that the mouth is only slightly open, so that the amount of "O" was there, and you used to draw the voice, there should be more of a stretch than the voice. Because the air will come out less then the frequency of the voice frequency will increase.
यह फो प्रकार के मात्रा के अलावा जो तीसरा “म” कार है वह दो प्रकारसे बोलते है।
The other and last maatraa of “M” Kar is different and speaking ways are also different. There are two types of saying ways…
एक है ओष्ठ व्यंजन बनाकर ओष्ठ्य ऊर्जा प्रावधान करके अपने जिह्वा को किसीभी तरहसे मजबूत बनाना।
One is to make your tongue strong in any way by making the consonant and provisioning the fat energy.
It’s pronouncing by lips and by making its energy we can make strongly save our tongue… anyhow
दूसरा है नासिका क्षेत्र से अंदर की तरफ से “म” कार को बोलके अंदरूनी क्षेत्र जो नाक और गले के बीचमे है उसे मजबूत करना। जो पूर्ण चेता तंत्र के साथ जुड़के अंदरूनी शक्ति को बढ़ावा देता है।
The second is to strengthen the inner area between the nose and throat by speaking the "M" car from the nasal area to the inside. Which boost internal power by joining with the full alert system.
“म” कार के लिए आगे वाली “अ” ओर “उ” की मात्रा छोटी करनी होती है।
For "M" car, the amount of "A" and "U" in front is small.
विषुव वृतिय प्रदेश में “अ” कार ज्यादा होता है। क्योंकि गर्मी ज्यादा होती है।
"A" car is more in equinox history. Because it is hot.
कर्क वृत्तिय प्रदेशमे “उ” की मात्रा होती है।
Cancer is a quantity of "U" in circumferential region.
मकर वृत्तिय प्रदेशमे “म” की मात्रा होती है।
There is a quantity of "M" in the Capricorn region.
क्योकि ठंड ज्यादा होने के कारण ओष्ठ्य ऊर्जा का प्रावधान बाहरी ठंड से बचाव होता है और अंदरूनी मात्रा से चेता तंत्र शिथिल नही होता।
Because due to excess of cold, the provision of thermal energy protects against external cold and the alert system does not relax the internal volume.
Jay Gurudev Dattatreya
Jay Hind
Jigar Mehta / Jaigishya
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